गर्भावस्था के दौरान ब्रैस्ट की देखभाल

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बच्चों के पैदा होते ही, उसे जीवित रहने और बढ़ने के लिए माँ के दूध की ज़रूरत होती है।

आपका शरीर यह जानता है – इसलिए जिस समय से आप गर्भधारण करती हैं, बच्चे को दूध पिलाने के लिए ये आपके ब्रैस्ट को तैयार करना शुरू कर देता है।

हालाँकि, प्रसवपूर्व क्लास लेते समय, मैंने पाया है कि ज़्यादातर अपेक्षा करने वाली माँएँ अपने ब्रैस्ट को स्तनपान के लिए तैयार करने के लिए कुछ नहीं करती हैं।

यह एक गलती है। आपको अपने ब्रैस्ट को स्तनपान के लिए कैसे तैयार करना चाहिए इस बारें में यहाँ बताया गया है।

  1. अपने ब्रैस्ट के साथ सहज महसूस करें

हर रोज़ कुछ समय अपने ब्रैस्ट को शीशे में देखकर उनमे होने वाले बदलाव महसूस करें।

हर रोज़ कुछ मिनट बिना शर्ट के शीशे के सामने खड़े हों और अपने ब्रेस्ट में होने वाले बदलावों को महसूस करें। जैसे-जैसे आपकी गर्भावस्था आगे बढ़ती है, आप देखेंगे कि आपके ब्रैस्ट का साइज़ भी बढ़ता रहेगा, एरोला का साइज और रंग दोनों बदलने लगेंगे और भी बहुत कुछ।

अपने निपल्स पर ध्यान देने के लिए कुछ समय निकालें और अगर आपको लगता है कि कुछ सही नहीं है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

उनके महत्व को समझें, इससे आप उनकी देखभाल करने के लिए प्रेरित होंगी।

2. ब्रैस्ट हाइजीन पर ध्यान दें

रोज़ाना गुनगुने पानी से नहाएं।

निपल्स पर साबुन न लगाएं। साबुन से निप्पल में क्रैक आने लगते हैं जिससे संक्रमण होने का खतरा बना रहता है।

ब्रैस्ट के नीचे का हिस्सा अच्छी तरह से सुखा लें। जैसे-जैसे ब्रैस्ट का साइज़ बढ़ता है, ब्रैस्ट के नीचे पसीना जमा होने लगता है और इस नमी से फंगल का खतरा हो सकता है।

3. आरामदायक ब्रा पहनें

जैसे-जैसे आपकी गर्भावस्था आगे बढ़ेगी आपके ब्रैस्ट का साइज़ बदलेगा। आपके ब्रैस्ट का साइज़ समय के साथ बढ़ेगा ही तो खुद को सहज रखने के लिए, अपनी ब्रा का साइज़ बदलते रहें।

आपकी ब्रा का साइज़ इतना होना चाहिए कि आपके किसी भी अंडरआर्म या मिडलाइन को उभारे बिना पूरे ब्रैस्ट कवर हो जाएं।

कप का साइज़ इतना बड़ा होना चाहिए कि निप्पल और मैमरी टिश्यू इससे दबे नहीं।

आपके ब्रैस्ट को सैग होने से बचाने के लिए ब्रा की पट्टियाँ मज़बूत और चौड़ी होनी चाहिए। लेकिन उन्हें आपके कंधों पर भी नहीं खींचना चाहिए।

4. अपने ब्रैस्ट की मालिश करें

तीसरे तिमाही में – नहाने से पहले किसी प्राकृतिक तेल जैसे शुद्ध नारियल तेल से अपने ब्रैस्ट की मालिश करना शुरू करें।

2 मिनट से ज़्यादा मालिश न करें और निप्पल और ब्रैस्ट टिश्यू को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए आराम से मालिश करनी चाहिए।

मालिश ऐसे करनी चाहिए कि आपके निप्पल बाहर की तरफ जाए ताकि आपका शिशु जन्म के समय आसानी से दूध पी सके।

ब्रैस्ट की मालिश शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह करना सबसे अच्छा है ताकि आप इसे सही तरीके से करें और अंत में कोई मुश्किलें न आएं।

5. एक्सरसाइज़ करें

ब्रैस्ट में अच्छा रक्त संचार सुनिश्चित करने और मांसपेशियों की ठीक बनाए रखने के लिए दिन में एक बार हाथ और कंधे की एक्सरसाइज़ करें।

अपने हाथ को घड़ी की सूई के अनुसार और इसकी उलटी दिशा में घुमाएं।

बाजुओं को ऊपर और नीचे उठाएं।

हथेलियों को छूने के लिए अपनी बाहों को सामने लाएं और फिर अपनी बाहों को वापस पीछे ले जाएं।

इन एक्सरसाइज़ को आराम-आराम से और धीरे-धीरे करें और 5 बार से ज़्यादा न दोहराएं और इन्हें करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।

आपके बच्चे के जन्म के बाद, शुरुआत के तीन महीनों तक बच्चे को दूध पिलाने के लिए आपका ब्रैस्ट पर बहुत दबाव पड़ेगा। अपनी गर्भावस्था के दौरान उन्हें लचीला बनाने के लिए उन पर ध्यान दें ताकि बच्चे के जन्म के बाद आप उसे बिना तकलीफ के दूध पिला सकें।

डॉ. देबमिता दत्ता एमबीबीएस, एमडी  

द्वारा

डॉ. देबमिता दत्ता एमबीबीएस, एमडी एक व्यावसायिक डॉक्टर हैं, एक पेरेंटिंग कंसल्टेंट हैं, और डब्ल्यूपीए whatparentsask.com की संस्थापक हैं, वह स्कूलों और कॉर्पोरेट संगठनों के लिए बच्चों के पालन-पोषण पर ऑनलाइन और ऑफलाइन वर्कशॉप आयोजित करती हैं। वह ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रसवपूर्व और शिशु देखभाल के लिए कक्षाएं भी संचालित करती हैं। वह पालन-पोषण में एक प्रसिद्ध विचार-नेता और खेल, सीखने और खाने की आदतों की विशेषज्ञ हैं। पेरेंटिंग पर उनकी पुस्तकें जगरनॉट बुक्स द्वारा प्रकाशित की गई हैं और उनकी पुस्तकें उनकी सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली पुस्तकों में से हैं। पालन-पोषण के प्रति उनके सहानुभूतिपूर्ण और करुणामय दृष्टिकोण और पालन-पोषण के लिए शरीरक्रिया विज्ञान और मस्तिष्क विज्ञान के उनके अनुप्रयोग के लिए उन्हें अक्सर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशनों में उद्धृत किया जाता है।

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