आपके एक साल के बच्चे के लिए फ़ूड चार्ट

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आपके बच्चे का पहला जन्मदिन एक खुशी का पल होता है।

आपका बच्चा अब आपके साथ हर बार खाना खा सकता है और वो सब कुछ खा सकता है जो आप बाकी परिवार के लोग खाते हैं।

हाँ, एक बार जब आपका बच्चा एक साल का हो जाए, तो उसे परिवार वालों के साथ वही रेगुलर खाना करना शुरू कर देना चाहिए।

जैसे-जैसे आपका बच्चा आपके साथ खाना खाने आता है, आपके पारिवारिक खाने पर ध्यान देना और उन्हें पोषण संतुलित और हेल्दी बनाने के लिए उनमें बदलाव करना ज़रूरी है।

अपने एक साल के बच्चे को रेगुलर खाना खिलाने के लिए खाने में बदलाव कैसे करें

  • जहां तक हो सके अपने घर में पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड को कम करने की कोशिश करें।
  • घर पर बने ताज़ा खाने को शामिल करने के लिए अपना मील प्लैन करें।
  • मौसमी और लोकल सब्जियां और फल खरीदें।
  • जब आप रवा या अनाज का इस्तेमाल करते हैं – तो ऐसे साबुत अनाज चुनें जो आपके सभी रेसिपी में डालने वाली सामग्री के रूप में पॉलिश या रिफाइन न हों।
  • अपने बच्चे के खाने में पोषण तत्व बढ़ाने के लिए – प्रोटीन और अच्छे वसा से भरपूर नट्स और बीजों का इस्तेमाल करें।

अपने बच्चे को खाना कैसे खिलाएं

  • अपने बच्चे को खुद खाना खाने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • खाने के लिए ज़्यादातर हाथ में पकड़ने वाले खाने दें ताकि आपका बच्चा उन्हें आसानी से पकड़ कर खा सके।
  • अपने बच्चे को पहले खिलाने के बजाय उसके साथ खाना शुरू करें ताकि आपके बच्चे को एहसास हो कि वह परिवार में सबके साथ शामिल है।
  • अपने बच्चे को कभी जबरदस्ती न खिलाएं। समय-समय अंतराल पर हेल्दी खाना दें और अपने बच्चे को यह तय करने दें कि उसे कितना खाना चाहिए।
  • इस बात पर ध्यान दें कि खाना खाते समय आपका बच्चा कितना खुश दिखता है। खानें में लिए गए प्रोटीन के ग्राम या कैलोरी कैलकुलेट न करें।
  • सुनिश्चित करें कि नाश्ता हेल्दी, घर का बना, पौष्टिक रूप से संतुलित और हाथ में पकड़ कर खाया जा सके।
  • किसी और चीज से ज़्यादा, बच्चों को एनर्जी की ज़रूरत होती है। इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप हर बार खाने में बिना रिफाइन किया काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट शामिल करें।
  • आपके बच्चे को खाना देने का सबसे अच्छा तरीका है- 3 बार छोटे-छोटे मील और 3 बार कम मात्रा में नाश्ता।
  • स्तनपान जारी रखें लेकिन स्तनपान कराने से पहले कुछ ठोस खाना खिलाएं।

बच्चे को दूध पिलाते समय एहतियाती कदम

  • जब आप खानें में नए खाद्य पदार्थ शामिल करते हैं तो फ़ूड एलर्जी का ध्यान रखें ।
  • खाना खाते समय अपने बच्चे पर ध्यान दें कहीं खाना उसके गले में न अटक जाए।
  • खाना पकाते समय इस बात का ध्यान रखें कि पकाए गए खाने में बड़े टुकड़े न हों जो आपके बच्चे के गले में अटक सकते हो।
बिल्कुल सुबह के समय
नाश्ता
सुबह और दिन के बीच
दोपहर का खाना शाम का नाश्ता रात का खाना
सोमवार
अलीव के लड्डू
दलिया पोंगल
बेक किया फलाफल ब्राउन राइस की खिचड़ी कुटू के आटे का पैनकेक चावल के साथ बादाम का शोरबा
मंगलवार अमरांथ चिक्की हांडवो चुकंदर और पनीर का कटलेट
दही चावल
चीला
गेहूं की रोटी/चावल के साथ चुकंदर का सूप
बुधवार
नारियल के लड्डू
बाजरे की इडली थेपला दाल चावल मिलेट(ज्वार) सेंवई का उपमा
चावल के साथ दाल पालक का शोरबा
गुरूवार खजूर का ट्रफल
रागी और ओट्स दलिया
मूंग दाल का कटलेट
साबूदाने की  खिचड़ी
मौसमी फलों का परफेट
गेहूं की रोटी/चावल के साथ मेक्सिकन बीन सूप
शुक्रवार मूंगफली और अंजीर का ट्रफल
पेसारट्टू
बॉईल किए कैरट स्टिक के साथ हम्मस
दाल के साथ कोदो मिलेट जीरा राइस
केले के साथ चॉकलेट पुडिंग
चावल के साथ रसम
शानिवार
तिल के स्क्वायर
दाल की सब्जी का मिनी पराठा
दही चना दाल टिक्की
मिलेट पुलाव
रागी पैनकेक
रोटी/चावल के साथ कद्दू का सूप
रविवार ट्रेल मिक्स
मिले-जुले मिलेट का डोसा
केला और अमरांथ कटलेट राजमा चावल
चने का कटलेट
गेहूं के ब्रेड क्राउटन / चावल के साथ टमाटर का सूप

आपके 1 साल के बच्चे के लिए दूध

बच्चे के दो साल के होने तक और जब तक शिशु और माँ कम्फर्टेबल हों, तब तक स्तनपान ज़ारी रखना अच्छा है।

अगर माँ बच्चे को खुद दूध नहीं पिला पा रही है – तो देखभालकर्ता की मदद से ब्रैस्ट मिल्क को पंप कर बच्चे को पिलाया जा सकता है।

अगर स्तनपान संभव नहीं है, तो दूध और मात्रा के बारे में समझने के लिए अपने बच्चों के डॉक्टर से सलाह करना सबसे अच्छा है।

जब आपका बच्चा एक साल का हो जाए तो ऊपर दिए गए जैसे फ़ूड चार्ट को बनाना ज़रूरी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इससे आपके बच्चे को पूरे दिन अलग-अलग स्वाद मिलेगा और साथ ही ज़रूरी पोषक तत्वों की पूरी रेंज भी मिलेगी।

डॉ देबमिता दत्ता एमबीबीएस, एमडी

द्वारा

डॉ. देबमिता दत्ता, एक व्यावसायिक डॉक्टर हैं, एक पेरेंटिंग कंसल्टेंट हैं, और डब्ल्यूपीए whatparentsask.com की संस्थापक हैं, वह बैंगलोर में स्थित है और स्कूलों और कॉर्पोरेट संगठनों में ऑनलाइन और ऑफलाइन पेरेंटिंग वर्कशॉप आयोजित करती हैं। वह जल्द ही माता-पिता बनने वालों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रसवपूर्व और शिशु देखभाल के लिए क्लास भी लेती हैं।

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